स्वच्छ भारत का गांधीजी का सपना
हमारा देश साफ़ रहे यह था गांधीजी का सपना
साफ़ करने और रहने की पुकार लगी है ,अब सच हो ये सपना
सफाई से तन और मन दोनों अच्छे रहें यह है सबकी आशा
गाँव और शहर सुन्दर दिखें यह है हम सब की अभिलाषा
फैली हुई गंदगी अपनी सेहत के लिए है अभिशाप
अपने घर और पड़ोस की सफाई से बढ़ता है मन में विश्वास
विदेशों की तरह हमारा देश साफ़ बने ,इसके लिए हमें रोज कुछ होगा
गाँव गांव और मोहल्ले जाकर गन्दगी को हर दिन साफ़ करना होगा
अब हमें गंदगी फैलानी की आदत को हर समय छोड़ना होगा
मेरे देशवासियों हमें गंदगी फ़ैलाने वालों से लड़ना भी होगा
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जी ने खुद झाड़ू चलाई है
हमारा देश साफ़ रहे अब हमारी बारी आई है
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