Wednesday 24 September 2014

हमें अपनी अपनी भूमिकाएं निभानी होंगी

हमें अपनी अपनी भूमिकाएं निभानी होंगी 

पिता अपनी ,माता अपनी और  दादा -दादी  बच्चों के लिए अपनी भूमिका निभाते हैं 
बच्चों के  लालन पालन में नाना - नानी ,मामा  मामी भी अपनी विशेष भूमिका निभाते हैं 

कहीं बेटा  बेटी अपनी माता पिता की देख भाल  में अपनी भूमिका निभाते हैं 
तो कहीं कहीं भाई बहन भी अपनी अपनी भूमिका निभाते नज़र आते हैं 

आज के समाज में  कहीं कहीं कुछ लोग  अपनी भूमिका निभाने से कटते नज़र आते हैं 
मंत्री ,अफसर भी  जहाँ तहाँ अपनी अपनी भूमिका  निभाने से कतराते नज़र आते हैं 

आज के समाज में परिवार और जनता के प्रति भूमिकाओं में काफी कमियां नज़र आती हैं 
सबके कल्याण और जिम्मेदारी निभाने में उत्साह की  काफी कमी भी नज़र आती है 

सकारात्मक सोच और उज्जवल भविष्य हेतु हमें लगन के साथ अपनी भूमिका  होगी 
परिवार ,देश और सामाजिक उत्थान  के लिए कर्तव्य  मानकर हमें अपनी  भूमिका निभानी होगी 

तभी हम  अपने को और परिवार को उज्जवल भविष्य दे पाएंगे   
तभी हम देश और समाज को उन्नति के पथ पर ले जा पाएंगे 

Sunday 14 September 2014

Proud of being an Indian-Garv se kaho hum bhartiya hindustani hain

आइये जानें भारत विश्व गुरू क्यों था?
१.शतरंज के खेल की खोज भारत मे हुई थी।
२.भारत ने अपने इतिहास में किसी भी देश पर कब्जा नहीं किया।
३.अमरिका के जेमोलोजिकल संस्थान के अनुसार1896 तक भारत ही केवल हीरो का स्त्रोत था।
४.भारत 17वीं सदी तक धरती पर सबसे अमीर देश था इसलिए यह सोने की चीड़िया कहलाता था।
५.भारत में हीं संख्या पद्धति का आविष्कार हुआ और आर्यभट्ट ने शून्य की कल्पना की।
६.नाविक विद्दा की खोज 6000 पूर्व भारत में सिन्ध नदी में हुई थी।
७.विश्व का पहला विश्वविद्दालय तक्षशिला700 बीसी में भारत में स्थापित किया गया था।
८.संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है।
९.भास्कराचार्य ने पृथ्वी द्वारा सूर्य का ग्रह पथ का समय ३६५.२५८७५६४८४ दिन पांचवी शताब्दी में हि दिया था यानी न्यूटन के दादा के जन्म से पहले।
१०.आयुर्वेद का जन्म भारत में हुआ।
११.अर्थशास्त्र का जन्म भारत में चाण्क्य के द्वारा।
१२. विश्व का सबसे पुराना पुस्तक "वेद" भारत मे।
१३.मानव जाती का विकाश भारत में।
१४. सभ्यता संस्कृति का विकाश भारत में।
१५.विज्ञान का विकाश भारत में।
१६.वायुयान का आविष्कार शिवकरवापूजी तलपड़े ने 1895 में किया था।
१७. पायथागोरस परिमेय का सुत्र उपनिषदों में पाया गया है।
१८.बैटरी निर्माण बिधि का आविष्का रसर्वप्रथम महर्षि अगस्त्य ने किया था (अगस्त्य संहिता ) बेंजामिन फ्रेंक्लिनके जन्म से पहले
१९.सबसे पहले व्याकरण की रचना भारत में महर्षि पाणिनी द्वारा
२०.लोकतंत्र का जन्म भारत मे...
२१.सबसे पुराना शहर काशी (भारत)
२२.प्लास्टिक सर्जरी का आविष्कारकऋषि सुश्रुत भारत में
२३. सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म भारत में

Wednesday 10 September 2014

Desh ke Jawanon ko Salam-J&K mein abhutpurva yogdaan

सैन्य जवानों तुम पर है देश को अभिमान

साहस ,वीरता और शौर्य की कहानी कहते हमारे सैन्य जवान
देश की रक्षाऔर सम्मान हेतु प्राण निछावर करते वीर जवान

चाहे कारगिल हो या हो नाथुला पास
चाहे कच्छ हो या हो मुन्नार की खाड़ी

जल,थल व नभ ,सबकी रक्षा में लगे हमारे सैन्य जवान
सागर ,पर्वतों और आकाश में लड़ते अपने धन्य जवान

तुमने सदा मर्यादाएं बना रखीं हैं वह हैं बेमिसाल
हौंसले तुम्हारे सदा बुलंद रहें तुम्हें हमारा सलाम

जब जब सीमाओं पर संभाली तुमने देश रक्षा की कमान
याद आये महाराणा प्रताप , झाँसी की रानी और टीपू सुल्तान

प्राकृतिक आपदाओं में आपने जब भी दिया अपना योगदान
लाखों जिंदगियां बचाके उनको दिया तुमने एक नव जीवन दान

अटल इरादों भरपूर भरे हैं हमारे वीर जवान
भारतवासी सब नतमस्तक हैं धन्य है तुम्हारा स्वाभिमान

Friday 5 September 2014

समय आ गया देश के लिए कुछ कर गुजरने का

समय आ गया देश के लिए कुछ कर गुजरने का


जीवन की राह से भटके हुए कुछ लोग और जीवन लक्ष्य से दूर जाती हमारी सोच 
इनको राह  पे लाने में मिलकर करनी होगी देशवासियों को कड़ी मशक्कत

ऐसा आह्वान यदि देशभर में शुरू हो रहा तो इसका स्वागत होना चाहिए 
आगे के क़दमों में अपना पूर्ण सहयोग देकर देश हित में हमें लगना चाहिए

मुख्य राह से भटके भी जब जुड़ेंगे तभी देश की तस्वीर बदलेगी 
बदले आचरण से अथक कोशिश करने पे  देश की सूरत बदलेगी

लक्ष्य  देश के जन जन को भोजन ,पानी ,स्वास्थ ,मकान ,बिजली, शिक्षा देने का 
लक्ष्य देश में सद्भावना ,प्रेम , सफाई, सुख शांति,और विकास बढ़ाने का

उठो ,जागो और जुट जाओ देशवासियों ,अगला हर पल देश लक्ष्य की  प्राप्ति में लगाओ 
परिवार, समाज व देश के उत्थान हेतु अब परस्पर सहयोग  से देश के लिए कुछ कर गुज़र जाओ


Tuesday 2 September 2014

Why apathy towards in economc imbalances? In Hindi language-Aarthik vishamtaon par Udasinta kyun




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Email: agarwalop2002@gmail.com