कभी हंसती कभी खेलती जिंदगी
हर दिन आँख मिचौली खेलती सबकी जिंदगी
कभी ऊपर और कभी नीचे ले जाती सबको जिंदगी
कभी आसमान में उड़ी तो कभी झोली फैलाती जिंदगी
जिंदगी की राह में कभी हंस ली तो कभी रो ली जिंदगी
कभी उपरवाले से प्रार्थना करती तो कभी गिड़गिड़ाती जिंदगी
कभी अपनी गलतियां न स्वीकार कर ,बेवजह व्याकुलता फैलाती जिंदगी
कभी मुस्कराती कभी संशय में जीवन बिताती जिंदगी
कभी स्वाभिमान लाती तो कभी व्यतिथ हो जाती जिंदगी
जिंदादिल और साहसियों ने ही सर उठाकर जी है जिंदगी
जिन्होंने हँसते खेलते कष्ट उठाये उन्होंने ही जी है अच्छी जिंदगी
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