Tuesday 5 August 2014

एक वीरांगना का बलिदान

एक वीरांगना का बलिदान 

आई एक आंधी  जब,एक निर्भया मासूम ने
आत्म सम्मान के लिए बलिदान किया
महिलाओं के साथ चलते अन्याय को एक चुनौती का आह्वान दिया
महिला सुरक्षा के प्रति सारे देश में आक्रोश जगा दिया
चिता  में जली एक मशाल ने दुष्कर्म को डरा दिया
कितनों ने आंसू बहा  दिए इस दुखियारी की पीड़ा पर
भारत ही नहीं विश्वजन नतमस्तक हैं तेरे साहस पर
इंसानियत के लिए अब समय पुकार रहा है
सरकारी तंत्र तुम अब जग जाओ
महिलाओं अब तुम साहसी बन जाओ
राजनेताओं  अब अपनी मानसिकता बदल लो
हर महिला के प्रति सुआचरण बढ़ा दो
समय जगा रहा है
स्त्री आत्म सम्मान  बचाना होगा
स्त्रियों के प्रति बर्बरता  मिटाना होगा
कुचक्र को कुचलना होगा
हर महिला के गौरव  बचाना होगा
देश पुकार रहा है
अब हमें इस अन्याय से लड़ना होगा
जगी हुई  मशाल को सदा  जगाये रखना होगा
इस वीरांगना की कुर्बानी  को हमेशा याद रखना होगा
निर्भयी ही संसार में जीते हैं
ऐसी निर्भयता ही इंसानियत को बचाती है

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