Monday 11 August 2014

जीवन के अनुभव

                                 जीवन के अनुभव 
समय से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को नहीं मिलता है
किन्तु अथक  प्रयास और प्रयत्न करने पर संतोष जरूर मिलता है

  लाख बुरा चाहने  पर भी  ईश्वर कृपा होने पर बुरा नहीं होता है
  पर बुरा चाहने वाले  का मन तो अवश्य  मलिन जरूर  होता है

असंतोष और व्याकुलता से  कार्य पूर्ण होने पर भी आत्म  संतोष नहीं होता है 
धैर्य और विश्वाश से  कार्य सम्पन्न होने पर उपलब्धि में शांति भी साथ  होती है

जीवन में संतोष ही मनुष्य का   सबसे बड़ा धन है
पर इन्द्रियों पर नियंत्रण उससे अधिक मूल्यवान है

वस्तु संग्रह से इंसान की लिप्सा कभी कम नहीं होती है
पर ज्ञान के संग्रह से मानसिक पूर्ति अवश्य ही होती है

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